

महिलाओं एवं बच्चों के सर्वागीण विकास तथा उनके संवैधानिक हितों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए विभिन्न कार्यक्रमों एवं योजनाओं को सुव्यवस्थित ढंग से क्रियान्वित करने हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग का गठन किया गया है। समेकित बाल विकास सेवा विभाग की फ्लैगशिप सेवा है, जो 02 अक्टूबर 1975 से प्रारंभ किया गया है तथा कार्यक्रम के विस्तार के दृष्टि से पूरे विश्व की सबसे बड़ी संचालित परियोजना है। समेकित बाल विकास सेवाएं अंर्तगत गर्भवती, शिशुवती महिलाएं एवं 6 वर्ष आयु तक के बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण की स्थिति सुधार हेतु सेवाएं प्रदाय की जाती है। इस कार्यक्रम के साथ-साथ महिलाओं एवं बालिकाओं के सशक्तिकरण हेतु राज्य एवं केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाएँ विभाग द्वारा संचालित की जाती है।
विभाग अंतर्गत प्रदेश के 27 जिलो में 220 बाल विकास परियोजनाएं एवं 43763 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 6548 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत है । 220 बाल विकास परियोजनाओं में से 84 ग्रामीण,121 आदिवासी, 15 शहरी बाल विकास परियोजनाएं है। इनमें क्रमशः 23998, 17424 एवं 2027 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। विभाग अंर्तगत प्रदेश की महिलाओं को सशक्त बनाने, उनके हितो की देखभाल एवं उनका संरक्षण करने, महिलाओं के प्रति भेदभाव मूलक व्यवस्था, स्थिति और प्रावधानों को समाप्त करने हेतु पहल कर उनकी गरिमा व सम्मान सुनिश्चित करने, हर क्षेत्र में उन्हें विकास के समान अवसर दिलाने, महिलाओं पर होने वाले अत्याचार, अपराधों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए प्रदेश में राज्य महिला आयोग का गठन दिनांक 24-03-2001 को किया गया है ।
महिलाओं के कल्याण, विकास और सशक्तिकरण के लिए गैर सरकारी संगठनों के साथ सहभागिता एवं समाज कल्याण गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ प्रदेश में राज्य समाज कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है । प्रदेश में बच्चों के अधिकारों के संरक्षण एवं बाल कल्याण हेतु बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन किया गया है ।
महिलाओं के सशक्तिकरण एवं उन्हें स्वावंलबन से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने हेतु छत्तीसगढ़ महिला आयोग का संचालन किया जा रहा है। आयोग के माध्यम से महिला स्वसहायता समूह को आय उपार्जन गतिविधियों के लिए सुलभ ऋण उपलब्ध कराया जाता है। साथ ही महिलाओं के लिए कौशल उन्नयन योजना, सक्षम योजना स्वावलंबन योजना, उद्यमिता कार्यक्रम एवं महिला मड़ई कार्यक्रम संचालित की जा रही है।
महिलाओं और बच्चों के विकास और कल्याण से संबंधित योजनाओं एवं कार्यक्रमों को सुव्यवस्थित ढंग से क्रियान्वित करने एवं गति देने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग का गठन किया गया है।
विभाग के मुख्य कार्य निम्नलिखित है:-